बच्चों को गोद लेने की प्रक्रिया हुई आसान- स्मृति ईरानी

भोपाल.

इस दौरान केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि पहले बच्चों को गोद लेने का कानून पेचीदा था। पीएम मोदी के कार्यकाल में इस बात का मंथन किया गया कि अभिभावकों को बच्चों को गोद लेने कोर्ट जाना पड़ता था। जिसके बाद पीएम मोदी के कार्यकाल में नियम में बदलाव किया गया। जिसके बाद अब आसान प्रक्रिया के तहत बच्चों को गोद लिया जा रहा है।

संगोष्‍ठी के दौरान स्‍मृति इरानी ने अपने संबोधन में कहा कि चाइल्ड हेल्पलाइन सभी राज्यों को खुद संचालित करनी होगी। अब यह सुविधा भी शुरू की जा रही है कि जियो टैगिंग के माध्यम से यह भी पता चल सकेगा कि बच्चे कहां से फोन कर रहे हैं। उन्होंने सभी राज्यों को जिम्मेदारी दी है कि ऐसे बच्चों की सूची तैयार करें, जो बाल गृह में छह वर्ष से ऊपर के हो गए हैं और जिन्‍हें कोई गोद नहीं ले रहा है। जिससे ऐसे बच्चों को गोद लेने की व्यवस्था की जा सके।

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंका कानूनगो ने कहा कि एक राष्ट्र जब बच्चों के प्रति अपना वात्सल्य प्रदर्शित करता है तो यह आयोजन वत्सल भारत बन जाता है। इस क्षेत्र में किसी सरकार ने काम किया तो 2014 से। पीएम केयर फार चिल्ड्रन में 23 वर्ष तक के बच्चो को शामिल किया गया है।

स्‍मृति ईरानी के कार्यक्रम स्‍थल तक पहुंचने के दौरान कांग्रेस ने रसोई गैस सिलेंडर महंगे होने को लेकर किया प्रदर्शन। हालांकि पुलिस ने उन्‍हें स्मृति इरानी के पास तक पहुंचने के पहले ही रोक लिया। यह वत्सल भारत पर कार्यक्रम का दूसरा परिसंवाद था।

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